राज्य के नीति निदेशक तत्व (Directive Principle of State Policy)
अनुच्छेद – 36
राज्य की परिभाषा का वर्णन किया गया है।
अनुच्छेद – 37
नीति निर्देशका तत्व के हनन होने पर न्यायलय की शरण संभव नहीं है।
अनुच्छेद – 38
लोक कल्याणकारी राज्य तथा उसकी नीतियों का वर्णन किया गया है।
अनुच्छेद – 39
राज्य भौतिक और अभौतिक साधनों के सकेन्द्रण को रोकेगा। राज्य महिलाओं व बालकों और पुरूषों की सभी अवस्था ध्यान रखेगा।
समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था रखी गई है।
अनुच्छेद – 39(क)
निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार ।
अनुच्छेद – 40
राज्य ग्राम पंचायतों को बढावा देकर उन्हे शक्तियां प्रदान करेगा।
अनुच्छेद – 41
राज्य आर्थिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछडे वर्गो का विशेष ध्यान रखेगा।
अनुच्छेद – 42
राज्य काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए और प्रसूति सहायता के लिए उपबंध करेगा। महिलाओं को निःशुल्क प्रसुति सहायता उपलब्ध करायेगा।
अनुच्छेद – 43
उद्योगों के प्रबन्धन में मजदुरों या श्रमिकों के भाग लेने का अधिकार ।
अनुच्छेद – 43(क)
सहकारी समितियों की स्थापना 97 वां संविधान संशोधन, 2011
अनुच्छेद – 44
राज्य समान नागरिक संहिता को लागु करने का प्रयास करेगा।
अनुच्छेद – 45
राज्य 6 से 14 वर्ष के बालको को निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा देने की व्यवस्था करेगा। 86 वां संविधान संशोधन, 2002
अनुच्छेद – 46
राज्य एस. टी. और एस. सी. तथा दुर्बल वर्गो के हितों का ध्यान रखेगा।
अनुच्छेद – 47
पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्नय का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
अनुच्छेद – 48
राज्य कृषि और पशुपाल को वैज्ञानिक तरीके से बढावा देगा।
अनुच्छेद – 48(क)
राज्य पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का प्रयास करेगा।
अनुच्छेद – 49
राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
अनुच्छेद – 50
राज्य कार्यपालिका और न्यायपालिका का पृथक्करण करेगा।
अनुच्छेद – 51
भारत की विदेश नीति का वर्णन जो शान्ति पुर्ण सहअस्तित्व तथा अन्तराष्ट्रीय पंच निर्णयों पर आधारित है।