अनुच्छेद 1 -
1. भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ होगा।
2. राज्य और उनके राज्य क्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
3. भारत के राज्यक्षेत्र में –
(क) राज्यों के राज्यक्षेत्र
(ब) पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट संध राज्यक्षेत्र , और
(ग) ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र जो अर्जित किये जाएं , समाविष्ट होंगे।
अनुच्छेद 2-
नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
संसद, विधि द्वारा , ऐसे निबंधनों और शर्तो पर, जो वह ठीक समझे, संध में नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना कर सकेगी।
अनुच्छेद 3-
नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन-
संसद्, विधि द्वारा-
(क) किसी राज्य में से उसका राज्यक्षेत्र अलग करके अथवा दो या अधिक राज्यों को या राज्यों के भागों को मिलाकर अथवा किसी राज्यक्षेत्र को किसी राज्य के भाग के साथ मिलाकर नए राज्य का निर्माण कर सकेगी।
(ख) किसी राज्य का क्षेत्र बढ़ा सकेगी;
(ग) किसी राज्य का क्षेत्र घटा सकेगी;
(घ) किसी राज्य की सीमाओं में परिवर्तन कर सकेगी;
(ङ) किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकेगी;